हम तो है बंजारे.
जहा बैठे,
घर हो गया.
बेफिक्री का बोझ
लिए हैं. बाकि सब,
उतर तो गया.
भाग-दौर करते करते
पता नहीं
जशन किधर को गया.
पत्थरो की तलाश में,
हीरो वाला
नज़र तो गया.
आपाधापी इतनी थी.
खुशिओ के वक़्त का
असर तो गया.
चलो कोई नहीं जी
खुश है. जीवन
गुजर तो गया.
patharo ki talaash me, heero waala nazar to gaya......... kya baat hai..... I like it. Great work!! Keep it up.
ReplyDeletespecially created for all of us.. very nice :)
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